आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं संत श्री कृपाराम जी महाराज के जीवन परिचय के बारे में, हम इस पोस्ट में आपको Sant KripaRam Ji Maharaj Biography, Jivani, Family, Education, Bhakti, Bhagwat katha की के बारे में बताएंगे।
KripaRam Ji Maharaj Biography And Wiki
Full Name ( पूरा नाम ) | Sant Shri KripaRam Ji Maharaj |
NickName ( निक नाम ) | Kathawachak KripaRam Ji Maharaj |
Birth ( जन्म ) | 1994 |
BirthPlace ( जन्म स्थान ) | Ummednagar- Jodhpur |
KripaRam Ji Maharaj Social Media Accout
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YouTube | Kriparam ji Official |
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KripaRam Ji Maharaj Biography
दोस्तों हमारे भारत देश में समय-समय पर कई संतों ने जन्म लिया है जिन्होंने इस देश को अपने ज्ञान की मदद से आगे ले जाने का काम किया है भारत भूमि पर जन्म लेने वाले साधु संतों ने लोगों को भक्ति सत्य तथा सही रास्ते पर ले जाने का काम किया। स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, संत राजारामजी महाराज जैसे अनेकों संतों ने भारत की पवित्र भूमि पर जन्म लिया और समाज में फैली हुई कुरीतियों, अंधविश्वास को दूर करने का भरसक प्रयास भी किया।
आज हम एक ऐसे ही संत के बारे में आपको बताने वाले हैं जिन्होंने मात्र 4 वर्ष की आयु में अपने घर को त्याग दिया और 10 वर्ष की उम्र में कथा जागरण करने का काम शुरू कर दिया। इन संत महात्मा का नाम संत कृपाराम जी महाराज है जो बचपन से ही भक्ति के मार्ग पर चल पड़े थे और इन्होंने लोगों को गीता के उपदेश तथा गीता की कथा का वासन सुनाना शुरू किया था।
संत कृपाराम महाराज मात्र 7 वर्ष की आयु में धर्म संसद अहमदाबाद में 10,000 संतो को संबोधित किया था और मात्र 10 वर्ष की आयु में उन्होंने जोधपुर में भागवत गीता का आयोजन भी किया था।
आज की इस पोस्ट में हम आपको संत कृपाराम जी महाराज के जीवन परिचय के बारे में बताएंगे।
KripaRam Ji Maharaj Birth, Place, Family
संत कृपाराम जी महाराज को कथावाचक संत के रूप में ज्यादा जाना जाता है समय-समय पर भागवत गीता रामायण और शिव कथा का वर्णन लोगों को सुनाते हैं। Sant KripaRam Ji Maharaj का जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले की उम्मेद नगर वर्तमान समय में संत कृपा मगर के नाम से विख्यात है वहा पर हुआ। उनका जन्म विश्वकर्मा जयंती के दिन सन 1994 को हुआ।
संत कृपाराम जी महाराज ने अल्पायु में ही अपना घर त्याग दिया था और भक्ति मार्ग की ओर चल पड़े थे।
KripaRam Ji Maharaj Education, Qualification
संत कृपाराम जी महाराज ने भक्ति के मार्ग पर चलते हुए भी हिंदी साहित्य, पॉलिटिकल में स्नातक तक पढ़ाई की और अभी भी इनकी पढ़ाई जारी है उनके साथ ही साथ उन्होंने संगीत तथा शास्त्रीय संगीत में भी शिक्षा हासिल की।
School ( स्कूल ) | N/A |
College ( कॉलेज ) | N/A |
Degree ( डिग्री ) | स्नातक |
KripaRam Ji Maharaj भक्ति मार्ग पर कैसे आये
संत कृपाराम जी महाराज भक्ति के मार्ग पर अल्पायु में ही आ गए थे यह घटना कुछ इस तरीके की थी की बचपन में जब कृपाराम जी महाराज मात्र 3 वर्ष के थे, तब उनके गांव में संत राजारामजी महाराज भागवत गीता का आयोजन करने आए थे उस समय उस कथा में कृपाराम जी महाराज भी अपने परिवार के साथ आए थे और वे उस कथा को बड़े ध्यान से सुन रहे थे जब कथा पूरी हुई कृपाराम जी अपने परिवार वालों से कहा कि मुझे इनके साथ जाना है तो इनके परिवार वालों ने मना कर दिया और महाराज श्री राजराम जी को कहा कि हमारे तो एक ही बालक हैं और हम इस बालक को आपके साथ नहीं भेजेंगे। तो वहां पर राजारामजी महाराज ने Sant KripaRam Ji Maharaj के परिवार वालों से कहा कि भगवान की कृपा हुई तो एक और पुत्र प्राप्त हो जाएगा। और ये बात सत्य भी हो गयी और एक साथ मे इनके घर मे एक और बालक ने जन्म ले लिया।
इस घटनाक्रम के एक साल बाद राजारामजी महाराज एक बार फिर कृपाराम जी महाराज के गांव में पधारे और भागवत गीता का वाचन किया तो इस बार के कृपाराम जी महाराज ने जिद कर ली कि मैं उनके (संत राजाराम) के साथ जाऊंगा, क्योंकि कृपाराम जी महाराज को यह विश्वास था अब तो इनके माता-पिता उनके साथ भेज देंगे क्योकि छोटा भाई पैदा हो गया था हालांकि Sant KripaRam Ji Maharaj की एक बड़ी बहन भी है।
इसके बाद कथा वाचक कृपाराम जी महाराज राजारामजी महाराज के साथ चले गए और उनके सानिध्य में इन्होंने काफी ज्यादा ज्ञान हासिल किया और इसी ज्ञान की बदौलत इन्होंने मात्र 10 वर्ष की उम्र में ही कथा वाचन के बड़े बड़े आयोजन करना शुरू कर दिए और भागवत कथा सुनाने का काम शुरू किया। इसके बाद उन्होंने रामकथा भी सुनाना शुरू किया और शिव पुराण का वासन करना शुरू कर दिया। नानी बाई का मायरा की कथा भी सुनाई।
इसके कृपाराम जी महाराज ने अपने आप को समझने की कोशिश की, कि एक संत का उद्देश्य क्या होता है और उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इन्होंने काम करना शुरू किया। Sant KripaRam Ji Maharaj ने कई अलग अलग विषयों में स्नातक हासिल की, इन्होंने हिंदी साहित्य पॉलिटिकल मे स्नातक की डिग्री हासिल की और उसके बाद इन्होंने संगीत और शास्त्र की भी शिक्षा हासिल की।
इन सबके साथ कृपाराम जी महाराज ने भारत के युवाओं को तथा भारत की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है और यह काम अभी भी जारी है Sant KripaRam Ji Maharaj पर्यावरण के बचाव की बात करते है ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगते है गौ माता की सेवा कराते है।
संत कृपाराम जी महाराज ने भारत में कई बड़े-बड़े शहरों में कथा वाचन का काम किया है इसके अलावा उन्होंने विदेश में भी कथा वाचन का काम किया है जिसमें प्रमुख रूप से दुबई, बैंकॉक, सिंगापुर में भी इन्होंने कई कार्यक्रम किए है इसके अलावा भारत में भी शहरों गांवों या तक की ढाणियों में भी जाकर लोगों को अपनी संस्कृति और कथाओं के माध्यम से जागृत करने का काम किया है इनका एक ही उद्देश्य है कि हमारा भारत कैसे आगे बढ़े, हमारी संस्कृति को विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई जाए।
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