आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे Yati Narsinghanand Saraswati Biography, Lifestyle Jivani, Family, Education, Career, Income के बारे में बताएंगे।
Yati Narsinghanand Saraswati Biography And Wiki
Full Name ( पूरा नाम ) | Yati Narsinghanand Saraswati |
Mahant ( पीठाधीश ) | Dasna Temple |
Birth ( जन्म ) | 2 March 1963 |
BirthPlace ( जन्म स्थान ) | Uttar Pradesh |
Profession ( व्यवसाय ) | धर्म रक्षक |
Yati Narsinghanand Saraswati Biography
दोस्तों भारत देश को संतों का भी देश कहा जाता है और संतों की परंपरा रही है कि वह भक्ति के साथ साथ राष्ट्र कल्याण के लिए भी काम करते रहे। संतो ने अपने धर्म की रक्षा के लिए समय-समय पर शस्त्र भी धारण किए हैं तो इन्होंने शास्त्र भी धारण किए हैं।
आज मैं आपको इस पोस्ट में एक ऐसे ही हिंदू संत के बारे में बताने वाला हूं जो अपने धर्म की रक्षा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है दोस्तों आपको इस पोस्ट में कुछ मेरे शब्द कड़वे जरूर लग सकते हैं परंतु जो सच्चाई है मैं वही आपके साथ शेयर करूंगा।
हर किसी को अपने धर्म की रक्षा करने के लिए आगे जरूर आना चाहिए और अपने धर्म को बचाने के लिए आखिरी सांस तक प्रयास भी करना चाहिए। आज भारत में हिंदू धर्म धीरे-धीरे अपनी ऐतिहासिक अतुल्य तथा अद्भुत संस्कृति को खो रहे हैं और अपने गौरवशाली इतिहास को बुला रहे है इसी कारण भारत में आज भी कई ऐसे संत महात्मा है जो अपने गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने का काम करते हैं इसमें ही एक ऐसे संत हैं जिनका नाम है यति नरसिंहानंद सरस्वती।
यती नरसिंहानंद सरस्वती उत्तर प्रदेश के डासना में स्थित देवी मां के मंदिर के महंत है साथ ही Yati Narsinghanand Saraswati जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी है तथा हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं यती नरसिंहानंद सरस्वती हमेशा अपने बयानों के कारण विवादों में रहते हैं इन पर विभिन्न धाराओं में कई केस भी लगाए हुए हैं।
आज इस पोस्ट में हम आपको Yati Narsinghanand Saraswati के जीवन परिचय के बारे में बताएंगे और मैं प्रत्येक हिंदू से अपील करना चाहूंगा कि वह इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े ताकि उन्हें भी पता चले कि किस तरीके से हिंदू धर्म की रक्षा के लिए एक संत आज कई मुसीबतों के बावजूद भी धर्म विरोधी ताकतों से अकेला लड़ रहा है।
Yati Narsinghanand Saraswati Birth, Place, Family
यति नरसिंहानंद सरस्वती का जन्म 2 मार्च 1963 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले मे हुआ। बचपन में यति नरसिंहानंद सरस्वती का नाम दीपक त्यागी था जिसे उन्होंने बाद में बदल कर Yati Narsinghanand Saraswati रख लिया।
इनके पिताजी स्वतंत्रता संग्राम के समय कांग्रेस के साथ तथा बाद में रक्षा मंत्रालय में भी काम किया। इनके माता जी एक ग्रहणी थे तथा इनका एक भाई भी है जो वर्तमान समय में विदेश में रहकर अपनी पढ़ाई तथा जॉब कर रहा है।
सरस्वती ने 2007 से लेकर अब तक डासना मंदिर के महंत है। तथा वर्तमान समय में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी है।
Yati Narsinghanand Saraswati Education, Qualification
यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अपनी प्राथमिक शिक्षा मेरठ से ही की, आगे की पढ़ाई इन्होंने हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से पूरी की, उसके बाद 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल करने के लिए वो मॉस्को चले गए थे। 1994 में उन्होंने डिग्री हासिल की और 1997 में भारत लौटने से पहले तक वो मॉस्को में ही इंजीनियर के तौर पर नौकरी करते रहे। 1997 में अपनी मां के बीमार पड़ने की वजह से वो भारत लौट आए।
College ( कॉलेज ) | हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज |
Degree ( डिग्री ) | केमिकल टेक्नोलॉजी |
Yati Narsinghanand Saraswati Career Journey
मास्को में अपनी पढ़ाई करने के समय ही है समाचार मिला कि इनके माताजी काफी बीमार है इस कारण उन्होंने भारत आने का फैसला कर लिया। यति नरसिंहानंद सरस्वती के भाई भी मास्को में इनके साथ ही पढ़ाई करते थे इस कारण दोनों भाइयों ने फैसला किया कि एक भाई वही पर रह कर पैसे कमाएगा और दूसरा भाई गांव जाकर अपने माता जी की सेवा करेगा, तो इसके बाद Yati Narsinghanand Saraswati वापस गांव आ गए और यहीं आकर अपने माता जी की सेवा करने लग गए।
कुछ लोग यह भी दावा करते हैं कि जब यति नरसिंहानंद सरस्वती वापस भारत आए तो उसके कुछ समय बाद ही समाजवादी पार्टी से जुड़ गए, लेकिन ये कुछ लोगों का ही कहना है जबकि Yati Narsinghanand Saraswati ने समाजवादी पार्टी के खिलाफ कई बड़े विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें जीता भी था।
उसके बाद यदि Yati Narsinghanand Saraswati ने कई वेदों और धर्म शास्त्रों का अध्ययन किया और वर्ष 2007 में यह डासना के देवी मां मंदिर के महंत बना दिए गए। उसके बाद से यह लगातार हिंदू धर्म की रक्षा के लिए काम करने लगे और हिंदुओं को जागृत करने का काम करने लग गए।
इसके बाद कुछ ही समय पहले वर्ष 2021 में यह तब चर्चा में आए जब उन्होंने कुछ महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणियां करने का काम किया, उसके बाद Yati Narsinghanand Saraswati के ऊपर और भी कई आरोप लगे जैसे कि डासना मंदिर में एक मुस्लिम छात्र द्वारा मंदिर परिसर में गंदगी फैलाने और उसके बाद मारपीट के मामले से यह और ज्यादा सुर्खियों में आये।
इसी घटना के बाद जब इन्होंने डासना मंदिर पर एक बोर्ड लगा कर लिख दिया कि “यहां मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है” तब तो यह और भी ज्यादा सुर्खियों में आए और पूरे भारत में यह काफी ज्यादा लोग इन्हें जानने लगे, इसके बाद से इनके लगातार कई ऐसे बयान आये, जिस कारण यह काफी ज्यादा सुर्खियों में रहे।
आए दिन अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के Yati Narsinghanand Saraswati अब हिंदू संतों के सबसे बड़े संप्रदाय “जूना अखाड़े” के “महामंडलेश्वर” बना दिए गए हैं। दरअसल, कुछ समय पहले ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव और जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरी ने यति नरसिंहानंद सरस्वती को अपना शिष्य स्वीकार किया, जिसके बाद उन्हें महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया।
आपको हमारे द्वारा लिखी गयी Yati Narsinghanand Saraswati Biography in Hindi पोस्ट अच्छी लगी हो तो, आप हमारे Hindi Biography 2021 वेबसाइट की सदस्यता लेने के लिए Right Side मे दिखाई देने वाले Bell Icon को दबाकर Subscribe जरूर करे।
ये भी पढे :-
हर हर महादेव 🙏🙏🙏🚩🚩🚩