आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं डॉ जीत परमार बाड़मेर के जीवन परिचय के बारे में, हम इस पोस्ट में आपको Dr. Jeet Parmar Barmer Biography, Jivani, Family, Education, Career, Sarpanch की शुरूआत के बारे में इस पोस्ट में आपको बताएंगे।
Jeet Parmar Barmer Biography And Wiki
नाम | डॉ जितेंद्र परमार ‘जीत’ |
जन्म | 28/07/1999 |
जन्म स्थान | भीलों का पार,गागरिया (रामसर) |
उपनाम | जीत परमार |
उम्र | 22 साल |
पैशा | लेखक, राजनेता |
शौक | लेखन कार्य |
लेखन कार्य प्रारम्भ | दिसंबर 2018 |
School | आदर्श विद्या मंदिर गागरिया(1-5) जवाहर नवोदय विद्यालय पचपदरा (6-10) सिद्धार्थ विद्या मंदिर बाड़मेर (11-12) |
collage | राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर |
पिता | जानु राम जी |
माता | सुशीला देवी |
धर्म | हिन्दू |
नागरिकता | भारतीय |
अवार्ड | विश्व की चौथी सबसे बड़ी रिकॉर्ड बुक ‘OMG बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में नाम दर्ज और राजस्थान का सबसे युवा सरपंच का राष्ट्रीय रिकॉर्ड (2021) पैसिफिक मैनेजमेंट की ओर से युवा लेखक सम्मान (2019) उपखंड स्तर पर सम्मान (2019) कलमकार साहित्य सम्मान (2020) |
सरपंच कब बने | 3 अक्टूबर 2020 |
वर्तमान आवास | सियाई – बाड़मेर |
Jeet Parmar Barmer Social media Accout
Social Media Name | User ID | Followers |
kavi_jeet_parmar | 3700 followers | |
Jeet Parmar | 2720 Followers |
Jeet Parmar Sarpanch Barmer: साधारण से साहित्यकार और साहित्यकार से सरपंच का सफ़र
“समझो तो मैं इक प्रीत हूं,
सुनो तो गीत हूं संगीत हूं।
सच्ची ज़िंदगी की रीत हूं,
मैं जीत हूं-मैं जीत हूं।।”
आज आपको रुबरु करवा रहे है,पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के सबसे युवा सरपंच जितेन्द्र परमार से,जिनको जीत परमार के नाम से जाना जाता है,युवाओं के रोल माॅडल Jeet Parmar Barmer ने महज 21 वर्ष 2 महीने की आयु में अपने Gav का सरपंच निर्वाचित होकर Barmer जिले ही नहीं सम्पूर्ण प्रदेशभर में सबसे कम उम्र के सरपंच बनने का कीर्तिमान स्थापित किया,दरअसल हम बात कर रहे है,बाड़मेर जिले के भारत-पाक बाॅर्डर पर स्थित रामसर पंचायत समिति के सीमावर्ती ग्राम पंचायत सियाई के युवा सरपंच जीत परमार की,जो 21 वर्ष की उम्र में अपने गाँव के सरपंच होने का दायित्व निभा रहे है।
Jeet Parmar Barmer Birth, Family, Education (जीत परमार बाड़मेर जन्म, परिवार, शिक्षा)
Jeet Parmar Barmer का जन्म 28 जुलाई 1999 को भीलों का पार गाँव में अध्यापक जानु राम जी के घर हुआ,परमार अपने घर में सबसे तीन भाईयों में सबसे बड़े है,पिता का नाम-श्रीमान जानु राम जी जो अध्यापक है, माता जी का नाम-सुशीला देवी, दो छोटे भाई हरिश परमार और मनोज परमार है।
जीत परमार बाड़मेर बचपन से ही मेधावी:-
जीत परमार ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गागरिया स्टेशन गाँव में विद्या भारती शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर से ग्रहण की,जीत परमार बचपन से ही पढाई में मेधावी तथा हर क्षेत्र में सबसे आगे रहते आए है,परमार हर साल अपनी कक्षा में टाॅप करते तथा इसके साथ ही खेलकूद प्रतियोगिता तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते आए है,पाँचवी कक्षा के बाद जीत का जवाहर नवोदय विद्यालय पचपदरा की प्रवेश परीक्षा में चयन हो गया तथा वहाँ से दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण की,और दसवीं के बाद उच्च प्राथमिक शिक्षा बाड़मेर शहर के सिद्धार्थ विद्या मंदिर में प्राप्त की।
बाहरवीं में जिला टाॅपर:-
Jeet Parmar Barmer ने सिद्धार्थ विद्या मंदिर से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के बाहरवी कला वर्ग के परिणाम में 87.40 प्रतिशत के साथ विद्यालय में सैकेण्ड टाॅपर रहे और एस टी वर्ग में बाड़मेर जिले के जिला टाॅपर रहे,इसके बाद प्रशासनिक सेवा की तैयारी हेतु राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में दाखिला लिया तथा राजस्थान महाविद्यालय की प्रथम प्रवेश सूची में सम्पूर्ण प्रदेशभर में 16 वें नम्बर तथा सम्पूर्ण राजस्थान में एस टी वर्ग में प्रथम नम्बर पर चयन हो गया।
जीत परमार बाड़मेर का प्रथम काव्य संग्रह का प्रकाशन:-
जयपुर में रहते जीत परमार में कविता लेखन की रुचि जागी और कविता लिखना शुरु किया,शुरूआत में ही इनकी रचनाओं की काफी सराहना हुई तथा इसी प्यार के बदोलत 6 महीनों में 50 कविताओं की रचना कर मात्र 19 साल की उम्र में प्रथम काव्य संग्रह ‘सोनल-काव्य संग्रह’ का प्रकाशन करवाया और साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश लिया,प्रथम काव्य संग्रह के प्रकाशन के साथ ही Jeet Parmar को बाड़मेर में एक प्रसिद्ध कवि के रूप में पहचान मिली,इसके लिए ‘पैसेफिक मैनेजमेंट संस्थान’ ने युवा कवि की सराहना करते हुए ‘युवा लेखक सम्मान 2019’ से नवाजा और रामसर उपखंड अधिकारी और तहसीलदार द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2019 पर सम्मान किया।
जीत परमार बाड़मेर का काव्य गोष्ठियों का आयोजन:-
जीत परमार ने बाड़मेर शहर में ‘द आॅपन बुक’ के तत्वाधान में ऑपन माईक ईवेंट का आयोजन करवाकर शहर के काफी नवोदित रचनाकारों को मंच प्रदान किया और कोरोना कालमें लाॅकडाऊन के समर्थन में आमजन में जागरुकता हेतु राष्ट्रीय स्तर के आॅनलाईन कवि सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें सम्पूर्ण देशभर के 10 राज्यों के 52 रचनाकारों ने भाग लिया,इसके साथ ही कई पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाओं का प्रकाशन हुआ और सम्मान प्राप्त हुए।
शाॅर्ट फिल्म मेकिंग में स्क्रिप्ट राईटर भी बने जीत परमार:-
एक कवि के रूप में काम करते हुए Jeet Parmar Barmer ने शहर के युवा निर्देशक विश्वास पंवार के साथ ‘हैसलों की उडा़न’ शाॅर्ट फिल्म के साथ,शाॅर्ट फिल्म मेकिंग में पटकथा लेखक के रूप में काम करना शुरु किया,इसके साथ ही कई फिल्मों का निर्माण किया और इसके बाद ‘द पीके टाइम्स’ यू-ट्युब चैनल में बतौर लेखक काम करना शुरू किया,इसी बीच कई गानों के बोल लिखे जिनकी दर्शकों द्वारा काफी सराहना की गई।
जीत परमार बाड़मेर का साहित्यकार से सरपंच का सफ़र:-
Jeet Parmar Barmer ने पंचायती राज चुनाव में अपने गाँव से सरपंच का चुनाव लड़ने का निश्चय किया और शिक्षा तथा माॅडल गाँव बनाने के मुद्दों को लेकर चुनाव लडा़ और महज 16 मतों से जीत परमार की जीत हुई और इसी के साथ जीत ने पूरे गाँव का दिल जीतते हुए मात्र 21 वर्ष 2 माह की आयु में बाड़मेर जिले के सबसे युवा सरपंच बनने का रिकॉर्ड बना डाला, जीत परमार बताते है सियाई ग्राम पंचायत बॉर्डर पर स्थित है तथा शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पीछे है अतः एक युवा सरपंच होने के नाते वो मुख्य तौर पर गाँव में शिक्षा तथा युवाओं को लेकर कार्य करना चाहते है क्योंकि सही मायने में मानव संसाधन का विकास ही किसी गाँव या क्षेत्र का वास्तविक विकास होता है।
राजस्थान का सबसे युवा सरपंच का राष्ट्रीय रिकॉर्ड मिला और विश्व की चौथी सबसे बड़ी रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज किया-
Jeet Parmar ने महज 21 वर्ष 2 माह की उम्र में सरपंच निर्वाचित होने की वजह से सितंबर 2021 में विश्व की चौथी सबसे बड़ी रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज किया तथा ‘राजस्थान का सबसे युवा सरपंच’ का राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम करके सम्पूर्ण राजस्थान को गौरवान्वित किया, इस अवसर पर जिले के प्रथम नागरिक जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने निवास स्थान पर पहुंचकर बधाई दी और विभिन्न राज्य मंत्री, विधायक, सांसद, प्रधान तथा जनप्रतिनधिगण द्वारा बधाई दी गई।
राजस्थान करेंट अफेयर्स में राजस्थान सामान्य ज्ञान में नाम-
राजस्थान का सबसे युवा सरपंच का राष्ट्रीय रिकॉर्ड मिलने और OMG बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर उत्कर्ष क्लासेज जोधपुर, संकल्प क्लासेज बाड़मेर तथा अन्य कोचिंग संस्थानों द्वारा राजस्थान करेंट अफेयर्स के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी युवाओं के बीच में राजस्थान करेंट अफेयर्स के सवाल के रूप में इस उपलब्धि को पढ़ाया गया।
जीत परमार का हँसमुख तथा मिलनसार व्यक्तित्व:-
हँसमुख तथा मिलनसार व्यक्तिव्य की बदोलत Jeet Parmar Barmer अपने गाँव वालों का भरोसा जीतने में सफ़ल रहे और युवाओं में भी जीत परमार का काफी क्रेज है और कई युवाओं के रोल माॅडल भी है,महज 21 साल का युवा लड़का होने बावजूद अकसर कई कार्यक्रमों में वरिष्ठ अतिथियों के साथ मंच साझा करते नजर आते है,और अपने भाषण तथा विचारों से सबके दिल जीत लेते है,जीत परमार कहते है की ‘कुछ बडा़ करने के लिए बडी़ उम्र नहीं बडी़ सोच का होना जरूरी है’।
जीत परमार को डॉ की उपाधि
20 Dec. 2021 को मुंबई की ताज महल पैलेस होटल में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन-2021 में साउथ वेस्टर्न अमेरिकन युनिवर्सिटी,USA द्वारा डॉक्टरेट (सोशल वर्क) की मानद उपाधि प्राप्त हुई। महज 21 वर्ष की उम्र मे सरपंच बनने और सामाजिक विकास के लिए के लिए जीत परमार को डॉ की उपाधि दी गई।
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