आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं गजेंद्र अजमेरा के जीवन परिचय के बारे में, हम इस पोस्ट में आपको Gajendra Ajmera Biography, Jivani, Family, Education, Career, DJ King की शुरूआत के बारे में इस पोस्ट में आपको बताएंगे।
Gajendra Ajmera Biography And Wiki
नाम | गजेंद्र अजमेरा |
जन्म | 25 सितम्बर 1986 |
उम्र | 36 साल |
उपनाम | DJ King |
जन्म स्थान | लूंगिया (नागौर) राजस्थान |
पैशा | गायक कलाकार |
पिता | श्री चालकदान आढ़ा ( लूँगिया ) नागौर |
माता | श्री मती सदा कँवर रतनु ( भुंबलिया) पाली |
पत्नी | श्री मती विनोद कँवर बारठ ( छिला) नागौर |
शौक | गाना, पढ़ाना |
स्कूल | आदर्श विद्या मंदिर पीसांगन (अजमेर) |
Collage | सेठ छीतरमल फूलचंद जैन महाविद्यालय |
धर्म | हिन्दू |
नागरिकता | भारतीय |
अवार्ड | ‘वीर तेजा गौरव सम्मान’, “वीर तेजा गौरव” |
वैवाहिक स्थति | वैवाहित |
वर्तमान निवास | जोधपुर राजस्थान |
जाति | चारण जाति की दूरसावत आढा गौत्र |
बच्चे | दिव्यांश दुर्शावत , आर्यन आढ़ा |
Gajendra Ajmera Social Media Account
Social Media Name | User ID | Followers |
ajmeragajendra | 2.33 लाख | |
Gajendra Ajmera | 5.16 लाख | |
YouTube | GAJENDRA AJMERA | Not Know |
@ajmera_gajendra | 27.7 हजार |
Gajendra Ajmera Biography
आज के समय में राजस्थान में सबसे प्रभावशाली गायक के रूप में तथा डीजे किंग के नाम से जाने जाने वाले कलाकार गजेंद्र अजमेरा संगीत की दुनिया में युवा पीढ़ी को काफी ज्यादा प्रभावित कर रहे हैं संगीत में कुछ ऐसा जादू है की बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी लोग इनके गीतों के दीवाने है ।
गजेंद्र अजमेरा ने अपने जीवन में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी ज्यादा संघर्ष भी किया है इन्होंने अपनी शिक्षा को पूरा करके सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया और इन्होंने स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया, लेकिन बाद में उन्होंने संगीत के सत्र में भी अपने गायन कला को आगे बढ़ाया और इस सत्र में भी आज भी काम कर रहे हैं संगीत में आज इनका एक अलग ही नाम है राजस्थान में जाने-माने कलाकार के रूप में जाने जाते हैं गजेंद्र अजमेरा आज संगीत के साथ स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम भी करते हैं।
गजेंद्र अजमेरा ने अपनी कड़ी मेहनत और लगातार प्रयासों से इस मुकाम को हासिल किया है कि आज लोग इनको पूरे राजस्थान में DJ King के नाम से जानते हैं शुरुआत में इनके गाने काफी कम लोगों तक पहुंचते थे तब इनको RJ21 Boy के नाम से जाना जाता था लेकिन उन्होंने कुछ ऐसे हिट गाने दिए, जिनकी वजह से आज गजेंद्र अजमेरा पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है इन्होंने मुख्यता वीर तेजाजी महाराज के गाने भजन गाना प्रारंभ किया और उसके बाद इनको सफलता मिली, इनके वीर तेजाजी महाराज के भजन गाने काफी ज्यादा प्रसिद्ध हुए और इनकी वजह से यह पूरे राजस्थान में विख्यात हुए। आज उनके रात्रि जागरण में हजारों की संख्या में नहीं बल्कि लाखों की संख्या में लोग उनके भजनों का आनंद लेते हैं।
गजेंद्र अजमेरा ने राजस्थानी संगीत के अलावा बॉलीवुड मूवी में भी काम किया, जिसमें उन्होंने गौरव- 2019 मुकेश खन्ना प्रोडेक्शन और 2 राजस्थानी फ़िल्मों में “जाहर वीर गोगपीर- 2011” और “मोसर- 2019” में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है।
गजेंद्र अजमेरा के ऐसे बहुत सारे गाने है जो युवा पीढ़ी को काफी ज्यादा पसंद आ रहे है इन के गानों में डीजे की धुन काफी ज्यादा रहती है जिस वजह से लोग इन के गानों पर काफी ज्यादा नाचते गाते हैं इनके कई ऐसे गाने हैं जो काफी ज्यादा फेमस हुए हैं और लोग उन गानों को बार-बार सुनते हैं और उनके कुछ ऐसे गाने जो यूट्यूब पर करोड़ों में देखे गए हैं।
तो हम इस पोस्ट में आपको गजेंद्र अजमेरा की जीवन के बारे में आपको बताते हैं ।
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Gajendra Ajmera Birth, Place, Family, Education
गजेंद्र अजमेरा का जन्म 25 सितंबर 1986 को लूंगिया (नागौर) राजस्थान मैं हुआ, अभी मात्र 35 साल के हैं और डीजे किंग के नाम से जाने जाते हैं। गजेंद्र अजमेरा के पिताजी का नाम श्री चालकदान आढ़ा और उनके माता जी का नाम श्री मती सदा कँवर रतनु है गजेंद्र अजमेरा विवाहित है और उनकी पत्नी का नाम श्री मती विनोद कँवर बारठ है गजेंद्र अजमेरा के दो बच्चा भी है जिनका नाम दिव्यांश दुर्शावत , आर्यन आढ़ा है।
इनका पूरा परिवार सात पीढ़ी से अजमेर मे ही रहता है इनके पिताजी का बस का बिजनेस है इस वजह से यह यहीं पर रहते हैं इनका पैतृक निवास सिरोही जिले में है गजेंद्र अजमेरा वर्तमान में जोधपुर शहर में रहते हैं और यही इनका भी मूल निवास है।
गजेंद्र अजमेरा को बचपन से ही नाचने गाने और पढ़ना का काफी ज्यादा शौक है , इस वजह से यह पढ़ाई में भी काफी ज्यादा अच्छे थे और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया करते थे उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा आदर्श विद्या मंदिर पीसांगन (अजमेर) से पुरी की, इसके बाद उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई सेठ छीतरमल फूलचंद जैन महाविद्यालय पूरी की, माडी देवी मेमोरियल कॉलेज रियां बङी से आपने B.Ed. की डिग्री भी प्राप्त की 2010 में।
Gajendra Ajmera Career Journey
गजेंद्र अजमेरा की कैरियर की शुरुआत उनके बचपन के समय से ही मानी जा सकती है क्योंकि इनके पिताजी कहीं ना कहीं भजन और गीत गाया करते थे वैसे इनके पिताजी कोई कलाकार तो नहीं थी परंतु यह संगीत हमेशा गुनगुनाते रहते थे इस वजह से इनका भी शौक इसी सत्र में आने का हो गया। गजेंद्र अजमेरा ने कहीं से भी संगीत के बारे में शिक्षा हासिल नहीं है परंतु इस फील्ड के बारे में धीरे-धीरे सब कुछ सीखना प्रारंभ कर दिया।
शुरुआत में जब यह अजमेर में निवास करते थे उस समय वहां पर भेरुजी माताजी और वहां पर कुछ निर्गुण भजन गायक जाते थे तो वह गजेंद्र अजमेरा ने भी इन्हीं के भजन गाना प्रारंभ कर दिया था क्योंकि अजमेर में इन्हीं भजनों को ज्यादा तवज्जो दिया जाता था उसके बाद 2009 में यह नागौर आ गए और यहां से इन्होंने वीर तेजाजी के एल्बम पर काम किया और इन्होंने यहां पर दो वीर तेजाजी की फागण के गीत गाए, जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है और इन्हीं भजनों से इनको प्रसिद्धि हासिल हो गई। इसके बाद उन्होंने लगातार वीर तेजाजी महाराज के भजन और कथाएं तथा रात्रि जागरण करना प्रारंभ कर दिया और लोग इनके भजनों को काफी ज्यादा पसंद भी करने लग गए।
गजेंद्र अजमेरा तेजाजी महाराज की अनन्य भगत है यह तेजाजी महाराज की भजनों के अलावा और भी भजन और संगीत गाते हैं परंतु ज्यादातर यह तेजाजी महाराज की एल्बम पर काम करते हैं और तेजाजी महाराज के भजन गाना पसंद करते हैं।
गजेंद्र अजमेरा को विशेष रूप से प्रसिद्धि मामी नाणदा फागण गीत से मिली और उसके बाद पेमल उड़ीके मेहेला में तेजाजी महाराज के भजन से प्रसिद्धि हासिल हुई, यह दोनों भजन इन्होंने 2009 में नागौर के मेड़ता सिटी से प्रसारित किए थे जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है इसके अलावा इनकी अभी वर्तमान मे मायरा और फूल चिड़ी यह भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है और यूट्यूब पर इन गानों को लाखों नहीं करोड़ों में लोगों ने देखा है ।
गजेंद्र अजमेरा विशेष रूप से राजस्थानी देसी भजनों की काफी ज्यादा पसंद और यह राजस्थान के सभी कलाकारों को सुनना पसंद करता है विशेष रूप से यह जैसलमेर के भजन और गानों को सुनना काफी ज्यादा पसंद करते हैं इनके सबसे पसंदीदा कलाकार बिजल खान है ।
गजेंद्र अजमेरा राजस्थान के सभी लोक देवता तथा देवी देवताओं के भजन गाते हैं परंतु विशेष रूप से यह तेजाजी महाराज के भजन से प्रसिद्ध हो गए, तो लोग इनको जानते हैं कि यह सिर्फ तेजाजी महाराज के भजन गाते हैं परंतु बिल्कुल भी नहीं है यह रात्रि जागरण में जाते हैं और सभी देवी देवताओं के गुण-गान करते हैं।
इस तरीके से गजेंद्र अजमेरा ने अपने जीवन में संगीत की दुनिया में कदम रखा और अपनी पहचान बनाई।
Gajendra Ajmera Achievement
गजेंद्र अजमेरा ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की, कई जगह सम्मानित किया गया विशेष रूप से जाट समाज द्वारा काफी ज्यादा सम्मानित किया गया क्योंकि उन्होंने अपने समाज का नाम रोशन किया तथा वीर तेजाजी की महिमा को लोगों के सामने प्रस्तुत किया, इसके लिए जाट समाज द्वारा सम्मानित किया गया।
गजेंद्र अजमेरा को मिले कुछ सम्मान
‘अखिल भारतीय जाट महासभा’ द्वारा आपको ‘वीर तेजा गौरव सम्मान’ से नवाजा गया।
2015 में सुरसुरा में “वीर तेजा गौरव” सम्मान मिला
2016 में सुरसुरा में “”वीर तेजा भगत “सम्मान मिला
2019 में जाट समाज दिल्ली ” जाट गौरव सम्मान ” मिला
2020 अंतरराष्ट्रीय जाट संसद “जाट गौरवसम्मान” मिला ।
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