आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं बाबा रामदेव के जीवन परिचय के बारे में, हम इस पोस्ट में आपको Baba Ramdev Biography, Jivani, Family, Education, Net worth, House, Wife, Age, Yoga के बारे में इस पोस्ट में आपको बताएंगे।
Baba Ramdev Biography And Wiki
नाम | रामकृष्ण यादव |
जन्म | 26 Dec. 1965 |
जन्म स्थान | सैयद अलीपुर, हरियाणा |
उपनाम | स्वामी बाबा रामदेव |
उम्र | 55 साल |
पैशा | योग गुरु, बिज़नसमैन |
शौक | देश की सेवा करना |
School | राजकीय स्कूल, शहजादपुर |
collage | कांगड़ी विश्वविद्यालय |
पिता | राम निवास यादव |
माता | गुलाबो देवी |
वैवाहिक स्थति | अवैवाहित |
धर्म | हिन्दू |
नागरिकता | भारतीय |
उपाधि | योगगुरु |
वर्तमान आवास | हरिद्वार |
Baba Ramdev Biography
योग गुरु बाबा रामदेव जी को आज पूरा देश जानता है उन्होंने ही देश में स्वदेशी की एक बहुत बड़ी लहर लाई है जिस कारण लोगों ने विदेशी प्रोडक्ट की बजाय अपने देश में बने प्रोडक्ट को खरीदना ज्यादा उचित समझा है इसके अलावा बाबा रामदेव ने देश में आयुर्वेद के महत्व को लोगों तक पहुंचाया तथा योग के माध्यम से निरोग रहने के तरीके बताएं।
बाबा रामदेव ने समय-समय पर देश मे स्वाभिमान और भष्टाचार के आवाज बुलंद की है।
बाबा रामदेव ने पतंजलि के माध्यम से आज भारत में हर रोज काम आने वाली जरूरत की चीजों को उत्पादित करना शुरू कर दिया है जिसके माध्यम से लोग अपनी जरूरत की चीजें विदेशी कंपनी से ना खरीद कर स्वदेशी खरीद रहे हैं और वह भी उचित दाम में मिल रहे है ।
बाबा रामदेव का सपना है कि हमारे देश से गरीबी दूर हो, लोग आयुर्वेदिक अपनाएं और योग को ज्यादा से ज्यादा महत्व और अपना देश स्वदेशी प्रोडक्ट अपनाकर पूरे विश्व में वापस सोने की चिड़िया बन जाए।
बाबा रामदेव एक योग गुरु और बिजनेसमैन है जिन्होंने आयुर्वेद की शिक्षा हासिल की और योग में महारत हासिल करके लोगों को योग और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के फायदे बताएं। बाबा रामदेव ने लोगों को योग के माध्यम से कई बीमारियों को ठीक होने के तरीके बताएं तो लोगों ने उस तरीके को उपयोग करके अपनी उन बीमारियों को ठीक भी किया, जिन का इलाज अंग्रेजी दवाइयों में भी संभव नहीं था ऐसे रोग योग के माध्यम से बिल्कुल ठीक हो गए।
बाबा रामदेव ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ और पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड नाम की दो संस्थाएं स्थापित की पतंजलि योगपीठ लोगों को योग सिखाने का काम करती है जिसमें आज देश के जाने-माने लोग इनके साथ जुड़कर अपना समर्थन दे रहे जिसमे प्रमुख रूप से अमिताभ बच्चन और शिल्पा शेट्टी । इनके साथ पूरे देश को योग सिखाने में मदद कर रहे हैं और पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड लोगों की जरूरतों के प्रोडक्ट उत्पादित करती है, जो बिलकुल स्वदेशी है।
आज हम आपको इस पोस्ट में स्वामी बाबा रामदेव के संपूर्ण जीवन परिचय के बारे में बताएगे, उनके जन्म से लेकर अब तक के सफर को हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे।
हम आपको इस पोस्ट में बाबा रामदेव के बचपन, शिक्षा, गुरुकुल, सन्यास धारण करना, योग गुरु बन्ना, हरिद्वार में पतंजलि के संस्थाएं स्थापित करने से लेकर आज तक के सफर के बारे में बताएंगे।
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Baba Ramdev Birth, Place, Family, Education
बाबा रामदेव के बचपन का नाम रामकृष्ण यादव था, बाबा रामदेव का जन्म 26 दिसंबर 1965 को सैयद अलीपुर, कस्बा-नांगल चौधरी, जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा में हुआ। बाबा रामदेव के पिता का नाम रामनिवास यादव था और उनकी माता का नाम गुलाबो देवी था । बाबा रामदेव का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था इनके पिता जी खेती बाड़ी का काम करते थे।
स्वामी रामदेव के चार भाई बहन थे सबसे बड़े भाई गुरुदत्त, दूसरे रामदेव और तीसरी छोटी बहन वितंबरा, सबसे छोटे भाई रामभरत है जो इनके बिज़नस को भी सभालते है।
बचपन मे अपने बड़े भाई गुरुदत्त के साथ बाबा रामदेव कुश्ती लड़ा करते थे।
बाबा रामदेव ने अपनी अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के समीपवर्ती गांव शहजादपुर आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद ही बाबा रामदेव के शरीर को लकवा लग गया, जिस कारण इनका आधा शरीर खराब हो गया। इसके बाद बाबा रामदेव ने योग करना शुरू किया जिससे बाबा रामदेव का लकवा ठीक हो गया ।
बाबा रामदेव के स्कूल के समय एक और भी घटना भी हुई थी की, इनके स्कूल के अध्यापक बीड़ी पिया करते थे जिस कारण बाबा रामदेव अनशन पर बैठ गए, की जब तक आप बीड़ी नही छोड़ेगे तब तक हम सब अनशन पर बैठे रहेगे, इस करण उनके अध्यापक ने बीड़ी छोड़ दी।
बाबा रामदेव के कमरे मे सुभाषचंद्र बोस और भगत सिंह की तस्वीर लगी रहती थी जिसे ये घंटो देखा करते थे, और अपनी माँ को कहते थे की मैं (Baba Ramdev ) भी इनके जैसा काम करुगा। स्वामी रामदेव बचपन मे रेडियो पर देशभक्ति गीत सुना करते थे।
इसके बाद स्वामी बाबा रामदेव ने अपने परिवार को बिना बताए अपने पास के ही एक गांव खानपुर में एक गुरुकुल से मात्र 1.5 साल मे शास्त्रों पुराणों और वेदों के ज्ञान को हासिल किया, इस गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बलदेव जी इन्होंने योग और वेदों का ज्ञान दिया।
इसके बाद बाबा रामदेव ने देश के कई और भी गुरुकुल में जाकर धर्म वेद शास्त्रों का ज्ञान हासिल किया इसके बाद स्वामी रामदेव हरिद्वार आ गए और यहां पर उन्होंने कांगड़ी विश्वविद्यालय एवं गुरुकुल में युग और वेदों और धर्म शास्त्रों का अध्ययन किया।
Baba Ramdev Career Journey
बाबा रामदेव अपने जीवन में हिंदू धर्म की कई शास्त्रों वेदों और योग की शिक्षा लेने के बाद संन्यास धारण करने का निर्णय किया और युवावस्था में उन्होंने संन्यास धारण कर लिया, यहां आकर इन्होंने ( बाबा रामदेव दीक्षा गुरु ) स्वामी शंकर देव जी महाराज से दीक्षा ली और यहां पर शास्त्रों का अध्ययन किया। उसके बाद इन्होंने लोगों को योग सिखाना शुरू किया तथा आयुर्वेद के महत्व को लोगों तक पहुंचाने का काम किया।
बाबा रामदेव का नाम कैसे पड़ा?
सन्यास धारण करने के कारण रामकृष्ण यादव का नाम बाबा रामदेव के नाम से विख्यात हुआ
सन्यास धारण करने के बाद स्वामी रामदेव और बालकृष्ण हिमालय में तप करने के लिए चले गए, और कई वर्षों तक तप किया। बाबा रामदेव ने योग पर अपना ध्यान केंद्रित किया, तो स्वामी बालकृष्ण आयुर्वेद पर अपना ध्यान केंद्रित किया। तब उन्होंने काफी समय तक अनशन किया उसके बाद यह वापस हरिद्वार आ गए और उसके बाद उन्होंने गुरुकुल शुरू किया जहां पर उन्होंने लोगों को शास्त्रों तथा योग की शिक्षा देना प्रारंभ किया।
बाबा रामदेव दिव्य योगपीठ ट्रस्ट (Divya Yogpeeth Trust)–
बाबा रामदेव ने हरिद्वार में 1995 में दिव्य योग मंदिर की स्थापना की। इस ट्रस्ट को स्थापित करने में इनका प्रमुख सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और आचार्य कर्मवीर ने दिया। आचार्य बालकृष्ण जो आज भी बाबा रामदेव के साथ काम करते हैं बाबा रामदेव लोगों को योग सिखाने का काम प्रारंभ किया इस समय इनके योग को 2003 मे आस्था टीवी द्वारा सुबह 5:00 बजे आने वाले कार्यक्रम द्वारा प्रसारित किया जाने लगा, जिस कारण उनकी पहचान घर-घर तक होने लगी लोग इनके योग कार्यक्रम के माध्यम से घर बैठे योगा करते और अपने स्वास्थ्य में लाभ हासिल करने लगे।
शुरुआत मे बाबा रामदेव ने समान्य बीमारियो को ठीक करने के योग को सिखाया था। उसके बाद बाबा रामदेव ने कैंसर के बारे मे भी बताया तो लोगो ने उसे मज़ाक बताया लेकिन जब लोगो को परिणाम प्राप्त हुआ तो कई बड़े-बड़े लोग बाबा रामदेव के फैन बन गए।
इस ट्रस्ट का हेड ऑफिस आज की हरिद्वार के कृपालु बाग आश्रम में स्थित है बाबा रामदेव की अथक प्रयासों से आज योग भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में काफी प्रचलित है इसी कारण 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है आज विश्व को यह पता चल चुका है योग से हम निरोग रह सकते हैं और अपने स्वस्थ जीवन को जी सकते हैं लोग बाबा रामदेव की कार्यक्रम को बहुत अधिक मात्रा में देखने लगी है।
इसके बाद बाबा रामदेव ने देश के अलग-अलग कोनों में कई योग कार्यक्रम आयोजित करवाये जिसमें लाखों की संख्या में लोगों ने इनका समर्थन किया और उनके द्वारा बताए गए योग को लोगों ने अपने जीवन में उतारा।
स्वामी बाबा रामदेव ने अपने योग की शिक्षा को अपने देश तक ही सीमित न रखकर विदेशों में भी लोगों को योग सिखाया जिसमे प्रमुख देश अमेरिका ब्रिटेन जापान है जिन्होंने लोगों को योग के महत्व के बारे में बताया तथा उन्हें योग की शिक्षा दी। स्वामी बाबा रामदेव ऐसे पहले गैर-मुस्लिम समुदाय के है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के देवबंद जिले के मुस्लिम-मौलवियों को योग की शिक्षा दी थी।
बाबा रामदेव पतंजलि योगपीठ आयुर्वेद ( Baba Ramdev Patanjali Yogpeeth Trust Ayurved) –
बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने पतंजलि योगपीठ आयुर्वेद की शुरुआत वर्ष 2017 में हरिद्वार से की उन्होंने आयुर्वेद और योग को एक साथ मिलाकर लोगों को शिक्षा देना प्रारंभ किया।
पतंजलि योगपीठ आयुर्वेद में स्वदेशी प्रोडक्ट लाकर देश में क्रांति खड़ी कर दी। इससे विदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट की कमर टूट गई इसके अलावा पतंजलि ने और भी सारे प्रोडक्ट मार्केट में उतार दिए जो हमारे द्वारा दैनिक रूप से यूज किए जाते हैं इन्होंने बहुत सारे ऐसे प्रोडक्ट निकालें, जो हम भारत में विदेशी कंपनीयो के यूज करते थे उनकी जगह इन्होंने स्वदेशी प्रोडक्ट निकालकर देश में स्वदेशी अपनाओ की एक क्रांति ला कर रख दी।
बाबा रामदेव और बालकृष्ण की अथक प्रयास और मेहनत की वजह से पतंजलि योगपीठ आयुर्वेदिक संस्थान इतनी तेजी से आगे बढ़ी। इसने पूरे देश में एक क्रांति ला दी, उन्होंने लोगों को योग और आयुर्वेदिक अपनाने के लिए अपील की और साथ ही साथ उन्होंने स्वदेशी और आयुर्वेद के लाभ लोगों को बताया, जिस कारण आज बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद का सालाना टर्नओवर 2500 करोड़ के आस-पास है।
आज देश की हर एक कोने में पतंजलि की दुकान आपको देखने को मिल जाएंगे, मोहल्ले तथा शहर सभी जगह पर आज पतंजलि के स्टोर देखने को मिलते हैं और उस दुकान पर पतंजलि का प्रोडक्ट उपलब्ध होता है पतंजलि ने देश में बेरोजगारी की समस्या को भी काफी हद तक दूर गया है पतंजलि कंपनी में आज 500000 ( 5 लाख ) से भी ज्यादा लोग काम करते हैं।
बाबा रामदेव और राजनीति
बाबा रामदेव ने 2010 में भारत स्वाभिमान नाम की पार्टी बनाई परंतु उनका प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में उतरने का मन नहीं था जिस कारण 2014 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सपोर्ट दे दिया।
बाबा रामदेव भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी समय पहले से आवाज उठाते आ रहे थे। 4 जून 2011 इन्होंने दिल्ली में स्थित रामबाग में अपने 65,000 अनुययी के साथ अनशन पर भी बैठ गए, इसी बीच रात मे दिल्ली पुलिस ने रात मे सोये हुये लोगो पर धावा बोल दिया जिस कारण बाबा रामदेव को यहा से निकालना पड़ा, उसके बाद दूसरे दिन बाबा रामदेव ने प्रेस बुलाई और बड़े भावुक होकर सम्बोधन किया।
वर्तमान समय में बाबा रामदेव खुले तौर पर भारतीय जनता पार्टी को सपोर्ट करते हैं और इनके काम के काफी ज्यादा सराहना करते है बाबा रामदेव भारतीय राजनीति में काफी ज्यादा रुचि रखते हैं और यह आए दिन राजनीति पर कुछ लोग पर कमेंट टिप्पणियां करते रहते । हैं
बाबा रामदेव की संपत्ति Net worth
बाबा रामदेव के पास खुद का एक घर है तथा इसके अलावा इनके पास पतंजलि का बहुत बड़ा नेटवर्क है
2021 के अनुसार बाबा रामदेव की Net Worth 1540 करोड़ भारतीय रुपए है
Baba Ramdev Achievement
- भुवनेश्वर की कलिंगा यूनिवर्सिटी के द्वारा जनवरी 2007 में डॉक्टरेट की उपाधि दी गई।
- महाराष्ट्र सरकार द्वारा जनवरी 2011 में सम्मानित किया गया।
- हरियाणा सरकार ने उन्हें योग व आयुर्वेद का ब्रांड एम्बेसडर बना दिया अप्रैल 2015 ।
- आईआईटी व एमिटी के द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी गई है।
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बाबा रामदेव की जीवनी का बहुत अच्छा विवरण दिया गया है ।
Very good information and and clearly important point give me thankyu so much
Bhai Jiii glt knowledge na de kisiko knowledge glt de rhe h ap
kya galt hai aap batao ham thik kar denge.