आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं अरविंद अरोरा के जीवन परिचय के बारे में, हम इस पोस्ट में आपको Arvind Arora Biography, Jivani, Family, Education, Career, YouTube Income की शुरूआत के बारे में बताएंगे।
Arvind Arora Biography And Wiki
Full Name ( पूरा नाम ) | अरविंद अरोरा |
NickName ( निक नाम ) | A2 sir |
Birth ( जन्म ) | 28 September 1988 |
BirthPlace ( जन्म स्थान ) | सूरतगढ-राजस्थान |
Profession ( व्यवसाय ) | YouTuber |
Arvind Arora Social Media Accout
Social Media Name | User ID |
arvind.aroraj | |
A2 motivation Arvind Arora | |
YouTube | A2 Motivation {Arvind Arora} |
@ArorajArvind |
Arvind Arora Biography
दोस्तों जब बात औकात भी आती है ना, तो इंसान कुछ भी कर लेता है क्योंकि उस समय इंसान को उन लोगों को दिखाना होता है कि “हमारी औकात क्या है” इसी वजह से इंसान बड़े से बड़े काम को कर लेता है या उसे करने के लिए तैयार हो जाता है ऐसा ही कुछ हुआ अरविंद अरोरा A2 मोटिवेशन के साथ। लोग अरविंद अरोरा को हमेशा कहते थे कि “तुम अपनी औकात से बड़े सपने देख रहे हो, तुम्हारा फ्यूचर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे पिताजी की दुकान है और भविष्य में तुम्हें उसी दुकान को संभालना है”
Arvind Arora राजस्थान के एक छोटे से गांव सूरतगढ़ में जन्म हुआ। बचपन में अपने स्कूल जाना खेलना और अपने पिताजी के दुकान पर अपने पिताजी के काम में मदद करना इतना ही काम होता था छोटे से गांव में होने की वजह से उनके सपने भी कुछ बड़े नहीं होते थे बस अपने पिताजी की दुकान को संभालने का सपना देख रहा था, लेकिन उसके बावजूद भी आज अरविंद अरोरा बहुत ज्यादा पॉपुलर है ऐसा कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं है जहां पर Arvind Arora की कोई भी वीडियो मौजूद ना हो। आज हर एक सोशल मीडिया पर उनका नाम है हर एक Social Media पर उनके वीडियो वायरल होते हैं।
आज हम बात करेंगे अरविंद अरोरा के जीवन परिचय के बारे में, की किस तरीके से उन्होंने राजस्थान के एक छोटे से छोटे गांव से होने के बावजूद भी अपने आप को बदल कर एक महान शख्सियत के रूप में देश के सामने पेश किया है।
Arvind Arora Birth, Place, Family
अरविंद अरोरा का जन्म राजस्थान के सूरतगढ़ में 28 सितंबर 1988 को हुआ। इनके पिता जी एक दुकान चलाते थे तथा इनके माताजी हाउसवाइफ थी उनके परिवार में दो बहने भी हैं अरविंद अरोरा का परिवार काफी ज्यादा गरीब हुआ करता था। Arvind Arora विवाहित हैं, इन्होंने अपना गुजारा चलाने के लिए काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता था और अरविंद अरोड़ा के पिताजी का सपना था कि मेरा बेटा आगे जाकर मेरी दुकान को संभाले ताकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
Father ( पिता ) | जल्दी अपडेट करेंगे |
Mother ( माता ) | जल्दी अपडेट करेंगे |
Wife ( पत्नी ) | जल्दी अपडेट करेंगे |
Brother ( भाई ) | जल्दी अपडेट करेंगे |
Sister ( बहन ) | जल्दी अपडेट करेंगे |
Arvind Arora Education, Qualification
अरविंद अरोरा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव सूरतगढ़ से ही एक पब्लिक स्कूल से पूरी की और उसके बाद आगे की पढ़ाई जयपुर से Skill कॉलेज से पूरी की। अरविंद अरोरा एक केमेस्ट्री के टीचर है और भारत के सबसे बड़े YouTube Shorts Video क्रिएटर है।
School ( स्कूल ) | पब्लिक स्कूल सूरतगढ़ |
College ( कॉलेज ) | Skill कॉलेज जयपुर |
Degree ( डिग्री ) | इंजीनियर |
Arvind Arora Career Journey
राजस्थान के एक छोटे से शहर सूरतगढ़ में जन्म लेने के बावजूद भी आज Arvind Arora एक जाने-माने व्यक्ति है उन्होंने अपने करियर को काफी मुश्किलों के साथ शुरू किया, कई लोगों के तानों के बावजूद उन्होंने अपने आप को इस मुकाम पर पहुंचाया, कई लोगों ने उन्हें उनकी औकात के बारे में भी बताया कि तेरी कोई औकात नहीं है तेरे लिए तो तेरे पापा की दुकान है जहां पर तुझे बैठना है और काम करना है परंतु अरविंद अरोरा ने अपने मेहनत लगन और हौसलों के दम पर आज एक ऐसे मुकाम को हासिल किया, जहां पर जाने के लिए लोगों का सपना होता है लेकिन इस मुकाम को हासिल करने के लिए इन्होंने रात दिन को एक कर दिया, तब जाकर इस मुकाम को हासिल कर पाए।
तो आइए जानते हैं अरविंद अरोरा के जीवन के बारे में किस तरीके से उन्होंने अपने करियर को शुरू किया और इस मुकाम पर पहुंचने में किन चुनौतियों का सामना करने के बाद यह पहचान मिली।
जब अरविंद अरोरा स्कूल में पढ़ाई कर रहा था तो ये अपने पापा की दुकान पर भी जाया करता था वहां पर कुछ समय के लिए साफ-सफाई तथा पापा के लिए हाथ बटा लिया करता था यह करते-करते इन्हें 3 से 4 साल हो गए थे।
दोस्तों उनके करियर कुछ इस तरीके से शुरू होता है की स्कूल के समय में कुछ समय की छुट्टियां पड़ती है उसी समय Arvind Arora अपने माता जी के साथ अपने ननिहाल जाता है और वहां पर इनकी नानी जी इन से पूछती है कि “तू क्या करेगा” तो अरविंद अरोरा के मामा ने कहा कि “दुकान पर ही बैठेगा और क्या करेगा”
तब अरविंद अरोरा ने कहा कि आपको कैसे पता कि मैं दुकान पर ही बैठूंगा?
तो Arvind Arora के मामा ने कहा कि “हमें पता है हम तुम्हारे पिताजी को जानते हैं की तु कल भी दुकान पर बैठता था आज भी दुकान पर बैठता है और कल भी दुकान पर बैठेगा।”
इसके बाद अरविंद अरोरा को लगता है कि अब मैं दुकान पर नहीं बैठूंगा। मैं मेहनत करूंगा पढ़ाई करूंगा और पढ़ाई के दम पर कुछ बड़ा करूंगा और मेरे मामा को गलत साबित कर दूंगा और उसके बाद अरविंद अरोरा वापस अपने गांव आता है और वहां पर रहकर यह बहुत ज्यादा मेहनत और लगन से पढ़ाई करता है।
स्कूल की पढ़ाई समाप्त करने के बाद अरविंद अरोड़ा जयपुर चले गए वहां पर इन्होंने Skill कॉलेज में एडमिशन लिया, परंतु इनके पिताजी ने उन्हें पैसा देने के लिए मना कर दिया, क्योंकि दोस्तों परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी इस कारण उन्होंने कह दिया कि आप अपने हिसाब से पढ़ाई करो। पैसे हमारे पास नहीं है क्योंकि दोस्तों परिवार में दो बहने बड़ी थी उनकी शादी भी करनी थी इसलिए पैसों की जरूरत थी तो फीस के लिए पैसे नहीं दे सकते थे।
जब घर वालों ने फीस देने से मना कर दिया तो अरविंद अरोरा एजुकेशन लोन लेकर अपनी पढ़ाई को शुरू किया।
एजुकेशन लोन लेने के बाद अरविंद अरोड़ा अपने गांव सूरतगढ़ से जयपुर के लिए बस पकड़ने के लिए बस स्टैंड पर गए तो, इनके पिताजी ने कहा कि बेटा इंजीनियरिंग में कोई फ्यूचर नहीं है तू अभी घर चल। अभी तो सिर्फ यह बस का किराया ही बेकार जाएगा, लेकिन अगर तूने इंजीनियरिंग की तो तेरा यह सारा पैसा बेकार जाएगा। परंतु Arvind Arora ने ठान लिया था कि मैं सभी को गलत साबित करूंगा और कुछ बनकर दिखाऊंगा और उन्होंने बस पकड़ ली और जयपुर आ गए।
जयपुर आने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम में शुरू कर दी लेकिन यह हिंदी मीडियम के स्टूडेंट से थे तो उन्होंने काफी ज्यादा मेहनत की और इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई में काफी ज्यादा मेहनत करने के बाद उन्होंने एग्जाम दिया और इस एग्जाम में इन्होंने 75% लाकर फर्स्ट ईयर को कंप्लीट किया।
इसके बाद उसको अरविंद अरोरा का सेकंड ईयर शुरू हो गया, जिसमें इन्होंने अपने कॉलेज में मौज मस्ती करना शुरू कर दिया और पढ़ाई की तरफ ध्यान कम कर दिया यह सब कुछ भूल गए थे कि ने अपने मामा को तथा अपने पापा को जवाब देना है और उन्होंने एजुकेशन लोन ले रखा है यह सारी चीजें भूल गया और सेकंड ईयर में Arvind Arora के बैक लगते लगते बस गई।
इसके बाद अरविंद अरोरा की लाइफ में एक और घटना घटित होती है जिसने उनके जीवन को पूरी तरीके से बदल दिया। जब अरविंद अरोड़ा सेकंड ईयर में थे तब यह जयपुर में बाहर होटल में खाना खाने के लिए गए, वहां पर यह जब खाना खाने के लिए बैठे थे तभी सामने एक फैमिली जिसमें एक बूढ़ी मां उसका पति तथा एक बेटा खाना खा रहा था और जब उन्होंने खाना खाने के बाद बिल पे किया तो उस बेटे की बजाय उसकी मां ने बिल को काउंटर पर जमा किया, यह देखकर Arvind Arora को काफी ज्यादा बुरा लगा और उन्होंने सोचा कि अगर मैंने भी अपनी लाइफ में कुछ नहीं किया तो आने वाले टाइम में मेरा भी यही हाल होने वाला है उसके बाद उन्होंने खुद को बदला और पढ़ाई की तरफ ध्यान दिया और काफी मन लगाकर मेहनत की।
इसके बाद अरविंद अरोरा ने अपनी फाइनल ईयर कंपलीट की और इसमें उन्होंने काफी अच्छा रैंक हासिल किया जिसकी वजह से इन्हें सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया और उसके ठीक बाद ही उन्हें नौकरी के लिए जॉइनिंग लेटर भी मिल गया, जिसकी जॉइनिंग फरवरी में होनी थी जिसके लिए काफी समय बचा हुआ था परंतु उन्होंने इतने टाइम खाली बैठने की बजाए 11 हजार रुपए की जॉब शुरू कर दी, लेकिन तभी इन्हें ₹20000 का नौकरी का एक और ऑफर मिलता है और उसके ठीक बाद एक इंस्टीट्यूट में इन्हें पढ़ाने के लिए ऑफर मिल जाता है Arvind Arora ने वहां पर काम करना शुरू किया, क्योंकि Arvind Arora के पढ़ाने का जो तरीका आता था वह सभी लोगों को पसंद आ रहा था और बच्चे इनके पढ़ाने के तरीके को काफी ज्यादा पसंद करते थे।
इसके बाद अरविंद अरोरा सीकर जिला आ गए और वहां पर उन्होंने एक इंस्टिट्यूट पार्टनर में शुरू किया, जहां पर दिन में यह बच्चों को पढ़ाने का काम करते थे और रात को पोस्टर चिपकाने का काम करते थे इसकी बदौलत इस इंस्टीट्यूट में ढाई सौ (250) बच्चे पढ़ने आते थे तभी इन्हें लगा कि अब उनकी लाइफ पूरी तरीके से सेट हो गई है। लेकिन तभी उस इंस्टीट्यूट के मालिक ने उन्हें वहां से जाने के लिए बोल दिया और कुछ कमीशन देने का वादा कर दिया और उन्हें वहां से निकाल दिया, लेकिन मजे की बात यह कि Arvind Arora के वहां से निकलने के 6 महीने बाद ही वह इंस्टिट्यूट बंद हो गया।
इसके बाद अरविंद अरोरा गुजरात के सूरत शहर में चले गए और वहां पर उन्होंने केमिस्ट्री के टीचर के तौर पर इंस्टीट्यूट में पढ़ाना शुरू किया, यहीं से दोस्तों इनके जीवन में यूट्यूब की एंट्री होती है और यूट्यूब पर यह वीडियो देखना शुरु कर देते हैं।
इसके बाद अरविंद अरोरा ने अपना एक यूट्यूब चैनल को शुरू किया, जिसे मेड केमिस्ट्री नाम से इस चैनल पर शुरुआत की, तो कुछ ज्यादा रिस्पांस नहीं मिला। लेकिन यह वीडियो डालते गई। 4 – 6 महीने के बाद अरविंद अरोड़ा के इस चैनल पर कुछ रिस्पॉन्स आया और एग्जाम टाइम में कुछ लोगों ने उनके वीडियो देखना शुरू किया। जोकी धीरे-धीरे Arvind Arora का चैनल पर एक लाख से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हो गए और सिल्वर प्ले बटन मिल गया। इसके बाद इस चैनल को वेदन्तु इंस्टिट्यूट वालो ने खरीद लिया।
इसके बाद दोस्तो टिक टॉक वालों ने अरविंद अरोरा को इनवाइट किया कि आप टिक टॉक पर एजुकेशन से रिलेटेड वीडियो डालना शुरू करें, तो वह दिल्ली गए और उन्होंने वहां पर क्रिएटर कैंप को ज्वाइन किया और उसके बाद उन्होंने एजुकेशन से रिलेटेड वीडियोस टिक टॉक पर डालना शुरू किया। धीरे-धीरे इनके टिक टॉक पर 7.2 मिलियन फॉलोअर्स हो गए, लेकिन इसके बाद भारत सरकार ने टिकटोक बैन कर दिया।
लेकिन इसके बाद अरविंद अरोरा के पास टिक टॉक पर 500 वीडियो डाले हुए थे जिस कारण इन्हें लगा कि अब इंस्टाग्राम यूट्यूब जैसे बड़े प्लेटफार्म पर भी शार्ट वीडियो चलेगी, तो इन्होंने यूट्यूब को सेलेक्ट किया और यहां पर शॉर्ट वीडियो डालना शुरू कर दिया और इनके YouTube चैनल पर मात्र 4 महीने में 4 मिलियन यानी कि 40 लाख सब्सक्राइबर कंप्लीट हो गई और आज Arvind Arora के चैनल पर 12 मिलियन सब्सक्राइबर कंप्लीट हो चुके हैं। और यह इंडिया का शॉट वीडियो का सबसे बड़ा यूट्यूब चैनल है इसके अलावा अरविंद अरोड़ा के एक और भी चैनल है जिसमें यह मोटिवेशन से रिलेटेड वीडियोस डालते हैं और एक चैनल पर यह फैक्ट्स से रिलेटेड वीडियोस बनाने का काम करते है।
इस तरीके से अरविंद अरोरा ने अपने करियर को स्टार्ट किया और इस मुकाम तक पहुंचाया।
Arvind Arora Achievement/ Net worth
Monthly Income | 15 से 20 लाख |
Totel Net Worth | 10 करोड़ अनुमानित |
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