आजकल कुशाल गिरी जी महाराज के कुछ डायलॉग जैसे “आप कौन सी लैंग्वेज समझेंगे ये बोलो, तंबू ने आग लगाते टेम कोनी लागे, ध्यान राखजे…. श्रवण सैन ध्यान देना, 10 सालों सूं काम करो, बॉस रो स्वभाव ठा कोनी काई, उकसा रिया हो थे माने, धको देर बार काढ” है ये डायलॉग पिछले कुछ महीनों से राजस्थान में काफी तेजी से वायरल हुए।
Kushal Giri Maharaj को बॉस के नाम से भी हम सब जानते हैं तथा यह अपने रुतबे के कारण भी काफी ज्यादा जाने जाते हैं कुशाल गिरी जी महाराज नागौर में एक विश्व स्तरीय गौशाला चलाते हैं 2013 में इन्हे प्रयागराज में महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई।
आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे कुशाल गिरी जी महाराज की जीवनी, आयु, परिवार, पत्नी, शिक्षा, जाति,आय, संपत्ति, भक्ति मार्ग के बारे में बताएंगे।
Kushal Giri Maharaj Biography in Hindi
पूरा नाम | कुशाल गिरी जी महाराज |
निक नाम | बॉस |
जन्म | 24 जुलाई 1975 |
उम्र | 47 साल |
जन्म स्थान | नागौर जिले के राठौड़ी कुआं |
व्यवसाय | संत, गौपालक |
धर्म | हिन्दू |
Kushal Giri Maharaj Social Media Accout
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YouTube | Kushalgiri ji Maharaj |
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Kushal Giri Maharaj Birth, Place, Family
कुशाल गिरी जी महाराज का जन्म गुरु पूर्णिमा विक्रम संवत 2032 के पावन पर्व ब्रह्म मुहूर्त में 24 जुलाई 1975 नागौर जिले के राठौड़ी कुआं में हुआ। इनके पिता का नाम जयनारायण सांखला (माली) तथा आपकी माता का नाम भंवरी देवी है Kushal Giri Maharaj विवाहित है इनके दो लड़के तथा दो लड़कियां हैं बड़ी बेटी ममता कथावाचक है तथा छोटी बेटी मोनिका अभी पढ़ाई कर रही है। कुशाल गिरी जी महाराज के 2 पुत्र भी हैं जिनका नाम महेंद्र तथा मूलचंद है जो घर के कामकाज संभालते हैं। Kushal Giri Maharaj वर्तमान समय में नागौर से 8 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 65 पर एक विश्व स्तरीय गौशाला चलाते हैं जिसमें 5000 से भी अधिक गाय हैं।
पिता का नाम | जयनारायण सांखला |
माता का नाम | भंवरी देवी |
पत्नी का नाम | जल्दी अपडेट करेंगे |
बेटे का नाम | महेंद्र तथा मूलचंद |
बेटी का नाम | ममता तथा मोनिका |
Kushal Giri Maharaj Education, Qualification
कुशाल गिरी जी महाराज पांचवी पास है तथा शुरुआत से ही इनके माता-पिता ने उन्हें संतों की संगति में रखा, जिस कारण Kushal Giri Maharaj ने बचपन से ही रामायण, महाभारत, गीता, पुराण का अध्ययन कर लिया था तथा प्रयागराज में महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई है। कुशाल गिरी जी महाराज नागौर में अखाड़ा चलाते थे जिसमें यह मलयुद्ध से लेकर लाठी चलाने तक की शिक्षा भी देते थे।
School ( स्कूल ) | राजकीय विद्यालय नागौर |
Kushal Giri Maharaj Career Journey
कुशाल गिरी जी महाराज ने पांचवी तक पढ़ाई करने के बाद नागौर में ही बजरंग व्यायाम नाम से एक अखाड़ा चलाना शुरू किया, यहां पर यह लोगों को मलयुद्ध से लेकर लाठी चलाने तक की शिक्षा देते थे Kushal Giri Maharaj ने सिंहस्थल पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 क्षरामजी महाराज और श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर अरुंगिरी जी महाराज से दीक्षा प्राप्त की। 6 दिसंबर 1992 कुशाल गिरी जी महाराज ने अयोध्या में सबसे कम उम्र के राम भक्त बनकर कार सेवा कर राम की कृपा प्राप्त की। कुशाल गिरी जी महाराज बजरंग दल तथा शिवसेना जैसे संगठनों से भी जुड़े रहे।
एक समय की घटना ने Kushal Giri Maharaj के जीवन को पूरी तरीके से बदल दिया एक बार इनके इलाके में गायों की तस्करी हो रही थी तो इन्होंने अपने साथियों के साथ उन गायों को बड़ी बहादुरी से बचाया और आगे भी इस मामले को संभाल के रखा, जिस कारण इनका नाम अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध हो गया। तो उसके बाद लोगों के सामने गौशाला तथा गौ सेवा का मुद्दा उठाया जिसमें लोगों ने भरपूर मदद करके उन्हें सहायता प्रदान की।
इसके बाद कुशाल गिरी जी महाराज ने 23 फरवरी 2008 को नागौर से 8 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 65 पर एक विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय की नींव रखी, चिकित्सालय की गौशाला में 5000 से भी ज्यादा गाय है इस चिकित्सालय में 40 एम्बुलेंस है जो राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों से भी बीमार तथा पीड़ित पशुओं को लाकर उनका इलाज किया जाता है चिकित्सालय में आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ ऑपरेशन थिएटर और एक्सरे रूम भी मौजूद है।

वर्ष 2008 में कुशाल गिरी जी महाराज को देसूरी के पास एक गाय का बछड़ा मिला जिसे यह गौशाला में लेकर आ गए, बाद में इस गाय का नाम उन्होंने नंदा कामधेनु रखा जो इस गोशाला की प्रमुख आकर्षक रहती थी परंतु हाल ही में नंदा कामधेनु की मृत्यु हो गई जिस की भव्य शोभायात्रा के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई।
इसके बाद वर्ष 2013 में जूना अखाड़ा की तरफ से प्रयागराज में Kushal Giri Maharaj को महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई।
इन सभी के अलावा संस्था में कई ऐसे देशद्रोही तथा पैसों के लालच में कुशाल गिरी जी महाराज पर कई आरोप लगाए जो बिल्कुल निराधार थे स्वामी जी के पास अपने नाम पर कोई संपत्ति नहीं है आभूषणों के नाम पर इनके हाथ में एकमात्र घड़ी ही है।
अभी लगभग पिछले कुछ महीनों से Kushal Giri Maharaj की वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं जिस कारण लोग इन्हें जानना चाहते हैं।
Kushal Giri Maharaj Achievement/ Net worth
कुशाल गिरी जी महाराज को महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई है तथा साथ ही ने कई सारे उपाधियों से भी सम्मानित किया गया है Kushal Giri Maharaj के पास अपने स्वयं की कोई भी संपत्ति नहीं है।

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FAQ
kushal giri maharaj ka dialogue
“आप कौन सी लैंग्वेज समझेंगे ये बोलो, तंबू ने आग लगाते टेम कोनी लागे, ध्यान राखजे…. श्रवण सैन ध्यान देना, 10 सालों सूं काम करो, बॉस रो स्वभाव ठा कोनी काई, उकसा रिया हो थे माने, धको देर बार काढ”
kushal giri maharaj kaun hai
कुशाल गिरी जी महाराज नागौर में एक विश्व स्तरीय गौशाला चलाते हैं 2013 में इन्हे प्रयागराज में महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई।
कुशाल गिरी महाराज का परिचय
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